जौनपुर।वर्षों से अपनी हालत पर आंसू बहा रहा शकरमंडी पुलिस चौकी अब बिल्कुल नए लुक में दिखेगा। यही नहीं सुविधाओं से भी परिपूर्ण होगा। पुलिस चौकी को नया लुक देने में खुद प्रभारी मोहम्मद सगीर ने बीड़ा उठाया है। श्रमदान के साथ साथ चंदा जुटाकर पुलिस चौकी को नया रूप दिया। शनिवार को उदघाटन के मुख्य अतिथि एसपी सिटी डॉ अनिल पाण्डेय रहे। उन्होंने चौकी प्रभारी की सराहना की। कहा कि जब बड़ी मस्जिद चौराहे पर झगड़ा हुआ था उस समय मेरे साथ मोहम्मद सगीर ने अकेले मोहड़ा सम्भाला था।उनकी वजह से ही जौनपुर में एक बड़ी घटना होने से बच गई थी।पुलिस और जनता के समन्वय से ही समाज में फैली बुराइयां दूर की जा सकती हैं।
अंग्रेजों के जमाने में स्थापित इस पुलिस चौकी पर कईयों उपनिरीक्षक ने अपनी सेवा दी और अन्यत्र को चले गए। जून 2017 में कार्यभार का जिम्मा मोहम्मद सगीर को मिला।जिसका निर्वहन उन्होंने जिम्मेदारी से की। परिणाम रहा कि मोहम्मद सगीर क्षेत्रीय जनों में लोकप्रिय हो गए।
धार्मिक कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना उनकी सबसे अच्छी खाशियत रही। 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी सक्रियता और मदद क्षेत्रीयजनों ने देखी। 19 जून को रात दो बजे पुलिस चौकी के निकट एक ट्रक में अचानक आग लग गई। हो हल्ला सुन खुद प्रभारी ने अपनी जान दांव पर लगाकर आग पर काबू पाने के लिए जुट गए थे।
बातचीत के दौरान प्रभारी ने बताया कि 12 जून से अब तक कुल डेढ़ महीने काम चला जिसमें साढ़े चार लाख रुपया खर्च हो चुका है। मैंने ये राशि अपने खास मित्रों से चंदा के रूप में लिया है। कहा कि मैं चाहे जिस एरिया में रहूंगा सदैव जनता के हित में कार्य करूंगा यही मेरा कर्म है।
अंग्रेजों के जमाने में स्थापित इस पुलिस चौकी पर कईयों उपनिरीक्षक ने अपनी सेवा दी और अन्यत्र को चले गए। जून 2017 में कार्यभार का जिम्मा मोहम्मद सगीर को मिला।जिसका निर्वहन उन्होंने जिम्मेदारी से की। परिणाम रहा कि मोहम्मद सगीर क्षेत्रीय जनों में लोकप्रिय हो गए।
धार्मिक कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना उनकी सबसे अच्छी खाशियत रही। 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी सक्रियता और मदद क्षेत्रीयजनों ने देखी। 19 जून को रात दो बजे पुलिस चौकी के निकट एक ट्रक में अचानक आग लग गई। हो हल्ला सुन खुद प्रभारी ने अपनी जान दांव पर लगाकर आग पर काबू पाने के लिए जुट गए थे।
बातचीत के दौरान प्रभारी ने बताया कि 12 जून से अब तक कुल डेढ़ महीने काम चला जिसमें साढ़े चार लाख रुपया खर्च हो चुका है। मैंने ये राशि अपने खास मित्रों से चंदा के रूप में लिया है। कहा कि मैं चाहे जिस एरिया में रहूंगा सदैव जनता के हित में कार्य करूंगा यही मेरा कर्म है।
No comments
Post a Comment