जौनपुर। स्कोर के निर्देशन मे ग्रामीण विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा शहीद भगत सिंह शहादत दिवस के अवसर पर आज देश मेरा वोट मेरा मुद्दा मेरा विषयक संगोष्ठी एवं जन जागरूकता रैली का आयोजन अहमदपुर व नाथूपुर गांव में ग्रामीण अंचल की महिलाओं और युवतियों के बीच में किया गया।
स्कोर के जिला संयोजक रमेश यादव सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि शिक्षा किसी भी देश के विकास का एक अहम संसाधन है यह सामाजिक बदलाव का एक जरूरी उपकरण है आज हम संकल्प ले की हम एक जिम्मेदार नागरिक की तरह व्यवहार करेंगे और सभी राजनीतिक दलों एवं उनके उम्मीदवारों को वास्तविक मुद्दों पर चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित करेंगे देश में समान शिक्षा का अधिकार कानून लागू हुए लगभग 10 साल बीत चुके हैं फिर भी महज 12% स्कूलों में भी इस कानून का प्रावधान अमल में लाया जा रहा है। व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र की अध्यापिका शबनम ने कहा कि लगभग 60 लाख बच्चे स्कूलों से बाहर है सभी लोगों ने एकजुट होकर मांग रंखा की जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा का वैधानिक अधिकार हो, शिक्षा का अधिकार कानून का दायरा प्री प्राइमरी से लेकर माध्यमिक स्तर तक किया जाए, शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का 6% खर्च किया जाए, शिक्षा का अधिकार कानून को इसकी संपूर्णता से पूरी तरह लागू किया जाए, बाल श्रम का पूर्ण उन्मूलन हो नाथूपुर स्थित एस०एस० कोचिंग सेंटर के शिक्षक सुशील शुक्ला ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद से मीडिया और विभिन्न राजनीतिक दलों विशेषकर सत्तारूढ़ दल द्वारा चलाए जा रहे प्रचार अभियानों में सभी वास्तविक मुद्दों को दरकिनार कर राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा चर्चा के केंद्र में है नतीजतन लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी किसानों के हित मुद्रा स्कीम भ्रष्टाचार, सड़क, बिजली पेयजल आदि जैसे विभिन्न बुनियादी मुद्दे से ध्यान हट कर राष्ट्रीय सुरक्षा की ओर चला गया है। हमें मालूम है कि देश के प्रत्येक नागरिक के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा महत्वपूर्ण है लेकिन सरकार के प्रदर्शन के विश्लेषण को परी करके चुनाव लड़ने का यही एकमात्र मुद्दा नहीं हो सकता संस्था से जुड़े राम सागर विश्वकर्मा ने कहा कि भगत सिंह ने एक बार कहा था वह भले ही मुझे मार दे लेकिन मेरे विचारों को नहीं मार सकते वे शरीर को मटिया मेट कर सकते हैं लेकिन मेरी भावनाओं को दबाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे उन्होंने हम सब को एकजुट होकर आगामी चुनाव में शिक्षा को मुख्य राजनीतिक मुद्दा बनाने के लिए एक स्वर से अपनी आवाज बुलंद करने के लिए आह्वान किया।
इस अवसर पर स्नेहा, अंजली, पूजा, स्वेता, काजल, हर्ष, आयरन, वैभव, नेहा बानो आदि लोग उपस्थित रहे।
स्कोर के जिला संयोजक रमेश यादव सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि शिक्षा किसी भी देश के विकास का एक अहम संसाधन है यह सामाजिक बदलाव का एक जरूरी उपकरण है आज हम संकल्प ले की हम एक जिम्मेदार नागरिक की तरह व्यवहार करेंगे और सभी राजनीतिक दलों एवं उनके उम्मीदवारों को वास्तविक मुद्दों पर चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित करेंगे देश में समान शिक्षा का अधिकार कानून लागू हुए लगभग 10 साल बीत चुके हैं फिर भी महज 12% स्कूलों में भी इस कानून का प्रावधान अमल में लाया जा रहा है। व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र की अध्यापिका शबनम ने कहा कि लगभग 60 लाख बच्चे स्कूलों से बाहर है सभी लोगों ने एकजुट होकर मांग रंखा की जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा का वैधानिक अधिकार हो, शिक्षा का अधिकार कानून का दायरा प्री प्राइमरी से लेकर माध्यमिक स्तर तक किया जाए, शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का 6% खर्च किया जाए, शिक्षा का अधिकार कानून को इसकी संपूर्णता से पूरी तरह लागू किया जाए, बाल श्रम का पूर्ण उन्मूलन हो नाथूपुर स्थित एस०एस० कोचिंग सेंटर के शिक्षक सुशील शुक्ला ने कहा कि पुलवामा हमले के बाद से मीडिया और विभिन्न राजनीतिक दलों विशेषकर सत्तारूढ़ दल द्वारा चलाए जा रहे प्रचार अभियानों में सभी वास्तविक मुद्दों को दरकिनार कर राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा चर्चा के केंद्र में है नतीजतन लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी किसानों के हित मुद्रा स्कीम भ्रष्टाचार, सड़क, बिजली पेयजल आदि जैसे विभिन्न बुनियादी मुद्दे से ध्यान हट कर राष्ट्रीय सुरक्षा की ओर चला गया है। हमें मालूम है कि देश के प्रत्येक नागरिक के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा महत्वपूर्ण है लेकिन सरकार के प्रदर्शन के विश्लेषण को परी करके चुनाव लड़ने का यही एकमात्र मुद्दा नहीं हो सकता संस्था से जुड़े राम सागर विश्वकर्मा ने कहा कि भगत सिंह ने एक बार कहा था वह भले ही मुझे मार दे लेकिन मेरे विचारों को नहीं मार सकते वे शरीर को मटिया मेट कर सकते हैं लेकिन मेरी भावनाओं को दबाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे उन्होंने हम सब को एकजुट होकर आगामी चुनाव में शिक्षा को मुख्य राजनीतिक मुद्दा बनाने के लिए एक स्वर से अपनी आवाज बुलंद करने के लिए आह्वान किया।
इस अवसर पर स्नेहा, अंजली, पूजा, स्वेता, काजल, हर्ष, आयरन, वैभव, नेहा बानो आदि लोग उपस्थित रहे।
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